
प्रदेश के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के साथ ही छात्रों की उपस्थिति भी बायोमेट्रिक मशीन से दर्ज होगी। फिलहाल बेसिक शिक्षा विभाग पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ स्कूलों में इस मशीन को लगाने जा रहा है। इसके अलावा अब प्रत्येक स्कूल की अलग-अलग जानकारी भी ऑनलाइन की जाएगी।
इस सरकारी कवायद की वजह अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करना है। अक्सर ऐसे मामले आते हैं, जिनमें बच्चों की संख्या ज्यादा बताकर मिड डे मील या फिर यूनिफॉर्म जैसी सुविधाओं में गड़बड़ी की जाती है। जिन तक लाभ पहुंचना चाहिए, वे इससे वंचित ही रहते हैं। इन्हीं खामियों को सुधारने के लिए ये कोशिश की जा रही है। शिक्षकों की उपस्थिति नियमित करना भी बायोमेट्रिक लगवाने के पीछे बड़ा मकसद है। इससे एक क्लिक पर विभागीय अधिकारी किसी भी स्कूल की हकीकत जान सकेंगे।
दरअसल, बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों व शिक्षकों की उपस्थिति बायोमीट्रिक मशीनों के जरिए दर्ज होगी। यही नहीं, मिड डे मील का वितरण भी बायोमीट्रिक उपस्थिति के आधार पर होगा।इसके लिए परिषद ने स्कूलों में बायोमीट्रिक उपस्थिति मशीन उपलब्ध कराने की कवायद शुरू की है। परिषद ने सभी बीएसए को बायोमीट्रिक मशीन लगाने के निर्देश दिए हैं।परिषद ने एक पोर्टल बनाने की तैयारी की है। इसमें सभी स्कूलों का फोटो सहित अन्य जानकारी मौजूद रहेगा।
इसके अलावा स्कूलों में किचन गार्डन बनाने को भी कहा गया है। जिन स्कूलों में जगह होगी वहां हॉर्टीकल्चर विभाग की मदद से यह गार्डन तैयार होगा। फिलहाल इन योजनाओं पर बातचीत चल रही है।
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