
आज हुई सुनवाई में बिना राज्य सरकार के हलफनामे और नोटिस के चीफ जस्टिस कोर्ट ने केस को निस्तारित कर दिया। भरांक को लेकर आज डिवीजन बेंच में इन याचिकाओं की सुनवाई होनी थी लेकिन मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने आखरी समय में उस केस को अपने यहां सूचीबद्ध कर उसको सुना जिसमें सरकार ने अपना काउंटर भी नहीं लगाया था। जबकि कोर्ट द्वारा ही सरकार से काउंटर मांगा गया था, फिर भी सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल नहीं किया। सी जे कोर्ट में भरांक सम्बन्धी सभी केसो को सूचीबद्ध कर खारिज कर दिया गया है।
क्या था मामला
शिक्षामित्रों को 68500 भर्ती में काउन्सलिंग करवाने के लिए जब इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच के 2 आदेशों और लखनऊ खंडपीठ की एकल पीठो के दर्जनों आदेशो का अनुपालन राज्य सरकार नहीं किया तो अभ्यर्थियों ने अवमानना याचिका दाखिल की उसके आदेश को भी राज्य सरकर ने नहीं माना।
ऐसे में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले का संज्ञान लिया और सभी केसों को अपनी खंडपीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। केस की सुनवाई सभी अपीलों के साथ की गयी थी
अभ्यर्थियों में इस फैसले को लेकर असंतुष्टि है और उनका कहना है कि वे इस फैसले को हम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्हें उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
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