न्यूज 24 ब्यूरो, नई दिल्ली (29 सितंबर):देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं इस बीच लोगों को राहत मिलने की वजह एक और झटका लगने जा रहा है। रुपये में कमजोरी के बाद अब घरेलू गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के सरकार के फैसले से एक ओर जहां सीएनजी, पीएनजी व घरेलू रसोई गैस एलपीजी की कीमतें बढ़नी लगभग तय है, वहीं यूरिया और बिजली उत्पादन की लागत में भी बढ़ोतरी होगी।
बता दें कि इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने और रुपये में आई कमजोरी के चलते भी कंपनियों पर कीमतें बढ़ाने का दबाव है। ऐसे में एक अक्तूबर से उपभोक्ताओं को वाहनों और घरेलू प्रयोग में लाई जाने वाली गैस के ज्यादा दाम चुकाने पड़ सकते हैं।
गौरतलब है कि प्राकृतिक गैस की कीमतों प्रत्येक छह माह में संशोधन किया जाता है। इनकी कीमतों में बढ़ोत्तरी की वजह आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई वृद्धि रहती है। विशेषज्ञों के मुताबिक मौजूदा समय में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के दामों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसके अलावा आपको याद होगा रुपया बीते कई माह से लगातार गिर रहा है और अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में कम से कम 14 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। मौजूदा वक्त में गैस की कीमतो और पहले कीमत क्या थी इस सब के लिए नीचे दी गई तालिका पर नजर डालें…
उपभोक्ता गैस मौजूदा भाव (रुपये में) एक अक्तूबर से वृद्धि (अनुमानित)
सीएनजी (प्रति किग्रा) 42.60 2-2.50 रुपये
पीएनजी (प्रति किग्रा) 28.25 3-4 रुपये
एलपीजी (घरेलू सब्सिडी वाला) 499.51 पैसे 10-15 रुपये
बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 820 900 रुपये (अनुमानित)
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