
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘कंपनी में पांच निदेशक हैं. प्रबंध निदेशक को गिरफ्तार कर लिया गया है, हमने पुलिस से अन्य निदेशकों का पता लगाने के लिए कहा है क्योंकि उनसे भी पूछताछ की जरूरत है’’. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार यह तब प्रकाश में आया जब उत्तर प्रदेश से निगरानी रिपोर्टों में कुछ बच्चों के मल के नमूनों में विषाणु के संकेत मिले. इसके तत्काल बाद दवा को जांच के लिए भेजा गया जिसमें इस बात की पुष्टि हुई कि इनमें से कुछ टाइप 2 विषाणु से दूषित हैं. मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार और महाराष्ट्र सरकार को भी अलर्ट किया कि कहीं वहां पर भी इस पोलियो दवा का इस्तेमाल न हो.
महाराष्ट्र और यूपी में अलर्ट जारी
वैक्सीन में पोलिया वायरस मिलने की सूचना बाद से हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द इसका हल ढूंढने के निर्देश जारी कर दिए है। वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा जा रहा है कि ये पोलियो वैक्सीन उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र में बच्चों को पिलाए गए हैं। वायरस मिलने की खबर के बाद इन दोनों राज्यों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है।
ऐसे सामने आया मामला
सरकार की ओर से चलाए जा रहे पोलियो वैक्सिनेशन अभियान के लिए बायॉमेड कंपनी वैक्सीन की सप्लाई कर रही थी। सबसे पहले यह मामला तब सामने आया, जब दिल्ली से सटे गाजियाबाद के कुछ बच्चों के मल में इस वायरस के लक्षण पाए गए। इन सैंपल्स को जांच के लिए भेज दिया गया। जांच में यह साफ हुआ कि सैंपल में टाइप-2 पोलियो वायरस मौजूद हैं।
दवाई की बिक्री पर लगी रोक
जांच में पुष्टि होने के बाद बायॉमेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई और इसके मैनेजिंग डायरेक्टर को ही गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने अगले आदेश तक बायॉमेड को किसी भी दवाई के निर्माण, बिक्री या वितरण पर रोक लगा दी है।
Be the first to comment