
राफेल विमान सौदे को लेकर विपक्ष खासकर कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना रही है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का राफेल पर आक्रामक रुख उसके लिए खतरे की घंटी है और 2019 के आम चुनावों में उसे इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस और विपक्ष से निपटने के लिए भाजपा ने अवैध घुसपैठ और सुरक्षा मामलों पर मोदी सरकार की ‘कड़ी’ नीति को ढाल बनाने का निर्णय लिया है।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक और असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के दूसरे शीर्ष नेता लगातार प्रचारित कर रहे हैं। भाजपा का मानना है कि राष्ट्रवाद के इर्दगिर्द घूमते इन दो मुद्दों के सहारे विपक्ष के हमले को बहुत हद तक रोका जा सकता है। इसी रणनीति के तहत भाजपा सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह को देशभर में जोरशोर से पराक्रम पर्व के रूप में मना रही है।
बांग्लादेशी घुसपैठ को भी राजनीतिक हथियार बनाएगी भाजपा
आने वाले दिनों में इसी रणनीति के तहत भाजपा पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को भी राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेगी। भाजपा के एक नेता ने बताया कि पार्टी के शीर्ष नेता एनआरसी मुद्दे को उठाते रहेंगे, खासकर उन राज्यों में जहां बांग्लादेशी घुसपैठ समस्या है। अब तक अपनी कई रैलियों में अमित शाह एनआरसी के मुद्दे को उठा चुके हैं।
अमित शाह ने हाल में कहा था कि अगर भाजपा 2019 में दोबारा चुनाव जीतकर सत्ता में आती है तो सरकार असम की तर्ज पर पूरे देश में एनआरसी मॉडल लागू करेगी। बंगाल भाजपा के नेता एनआरसी को लेकर पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ काफी मुखर हैं। भाजपा यह दिखाना चाहती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मसलों पर मोदी सरकार किसी तरह का समझौता नहीं करेगी
Be the first to comment