
भारतीय वायुसेना के अध्यक्ष बीएस धनोआ दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने यह स्वीकार किया कि सही मौके पर भारतीय वायुसेना से राफेल डील को लेकर संपर्क किया गया था और वायुसेना ने कुछ विकल्प दिए थे। किसे चुनना है यह सरकार पर निर्भर करता है।
एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने आज दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए एक अजीबोगरीब बात कही। उन्होंने राफेल डील पर बोलते हुए कहा कि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) इस सौदे के तहत टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर और लाइसेंसी उत्पादन में शामिल थी और एचएएल को सौदे से बाहर रखे जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। समाचार एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी।
It was decided to buy two squadrons through Government to Government, to meet up emergency requirements. HAL was involved in ToT (Transfer of Technology) and licensed production. There is no question of HAL being left out: Air Chief Marshal BS Dhanoa on Rafale deal https://t.co/oQSYLPStGY
— ANI (@ANI) October 3, 2018
गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच हुए इस सौदे में राफेल बनाने वाली फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट ने भारतीय ऑफसेट कंपनी के तौर पर एचएएल की जगह रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को इस सौदे में शामिल कर लिया था। पिछले दिनों फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हवाले से यह खबर भी आई थी कि ऐसा मोदी सरकार के कहने पर किया गया था। इसे मुद्दे को लेकर देश में लगातार विवाद जारी है और मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां हमलावर हैं।
हालांकि प्रेस कांफ्रेंस में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने यह भी कहा कि यह बहुत अच्छा एयरक्रॉफ्ट है और उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में काफी प्रभावशाली सिद्ध होगा।
It's a very good aircraft. When it comes to the subcontinent, it will be a game changer. We have lots of advantages in the Rafale Deal: Air Chief Marshal BS Dhanoa on Rafale deal
— ANI (@ANI) October 3, 2018
एयर चीफ मार्शल ने यह भी स्वीकार किया कि सही मौके पर भारतीय वायुसेना को इस लेकर संपर्क किया गया था और वायुसेना ने कुछ विकल्प दिए थे। किसे चुनना है यह सरकार पर निर्भर करता है।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर किस आधार पर बीएस धनोआ यह कह रहे हैं कि सौदे से एचएएल को बाहर रखने का सवाल ही उठता, जबकि सामने आए तथ्यों के हिसाब से एचएएल अब इस सौदे का हिस्सा नहीं है।
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