
पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार द्वारा 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की घोषणा केवल एक फौरी राहत है। अमर उजाला की खबर के मुताबिक लोग इससे खुश हो लें, लेकिन इससे महंगाई में कमी आ जाएगी ऐसा शिगूफा न पालें। बाजार के जानकारों ने कहा कि जब तक सरकार कोई बड़े उपाय का ऐलान नहीं करती है तब तक यह कटौती मामूली है।
इन वजह से कटौती फौरी राहत
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया ने amarujala.com से बात करते हुए कहा कि 2.50 रुपये केंद्र सरकार और 2.50 रुपये राज्य सरकारों से कटौती के बाद भी लोगों को हर चीज महंगी ही मिलेगी। इसकी वजह है कच्चे तेल का दाम और रुपये में गिरावट। कच्चे तेल का दाम फिलहाल 82 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है। वहीं गुरुवार को रुपया भी डॉलर के मुकाबले 73.70 पर चला गया। अभी रुपये 75 के पार जाने की संभावना बनी हुई है। साथ ही कच्चे तेल का दाम भी 85 डॉलर प्रति बैरल के पार जाने की उम्मीद है।
फेस्टिव सीजन में नहीं मिलेगी राहत
अगर आप फेस्टिव सीजन की तैयारियों में लगने वाले हैं और सोच रहे हैं कि आगे चलकर कई वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी तो ऐसा नहीं है। महंगाई का यह आलम अगले एक महीने तक रहने की उम्मीद है। पेट्रोल डीजल की कीमतें और रुपये में गिरावट पिछले चार साल के उच्चतम स्तर पर है। इसके चलते आम आदमी के लिए आना-जाना, घर का खर्च, बिजली-पानी आदि सभी कुछ महंगा हो गया है। वहीं अपनी जरूरत का रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए भी ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ रही है।
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