
प्रदेश के 25 जिलों में पोलियो के खात्मे के लिए इनेक्टिव पोलियो वायरस वैक्सीन (आईपीवी) की खुराक दी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दो साल से नीचे के बच्चों को आईपीवी की दो खुराक देने के निर्देश दिए हैं। यह फैसला प्रदेश में बॉयोमेड कंपनी की बाईवेलेंट वैक्सीन में पोलियो का टाइप-2 वायरस मिलने के बाद किया गया है। इससे बच्चों को पोलियो वायरस से दोहरी सुरक्षा मिलेगी।
अमर उजाला की खबर के अनुसार यूपी के 25 जिलों के साथ ही तेलंगाना के 24 जिलों में भी बच्चों को आईपीवी की खुराक दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बाईवेलेंट पोलियो वैक्सीन में मिला टाइप-2 पोलियो वायरस काफी कमजोर होता है। इससे बच्चे को लकवा नहीं हो सकता।
टाइप-2 पोलियो वायरस भारत में ट्राइवेलेंट पोलियो वैक्सीन में भी था। इसमें पोलियो के टाइप-1, 2 और 3 तीनों वायरस होते हैं। इसे अप्रैल 2016 में पोलियो उन्मूलन अभियान से हटा दिया गया था। टाइप-2 वायरस पोलियो वैक्सीन लेने वाले बच्चों के मल में 4 से 6 सप्ताह तक रहता है और इसके बाद वह खत्म हो जाता है।
बता दें, प्रदेश के कुछ जिलों में विशेष कंपनी की वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया था। इन सभी जिलों में स्वास्थ्य मंत्रालय विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से निगरानी रख रहा है। अपर सचिव मनोज झलानी ने यूपी के मिशन निदेशक को लिखे पत्र में 25 जिलों में टाइप-2 वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए विशेष मॉपअप राउंड के तहत इनेक्टिव पोलियो वायरस वैक्सीन (आईपीवी) देने का अभियान चलाने के लिए कहा है।
इससे उन सभी बच्चों का टीकाकरण हो जाएगा, जिन्होंने पहले आईपीवी नहीं ली है। दरअसल, आईपीवी में टाइप-1, 2 और 3 तीनों तरह के पोलियो वायरस होते हैं। मंत्रालय का दावा किया है कि बाईवेलेंट पोलियो वैक्सीन के कारण बीमारी होने की संभावना पूरी तरह शून्य है।
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