
रिश्वतखोरी के आरोप से घिरे राकेश अस्थाना पर सीबीआई ने ही एफआईआर दर्ज किया है
रिश्वतखोरी के आरोपों में घिरे सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर अपने खिलाफ दायर हुए एफआईआर को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में गए थे, जिसपर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की तारीख दे दी है. कोर्ट अस्थाना के मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर को करेगा.
सीबीआई की ओर से दाखिल एफआईआर के खिलाफ राकेश अस्थाना मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे. उन्होंने याचिका दाखिल कर कहा था कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न हो.
इस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 29 अक्टूबर की तारीख देते हुए कहा है कि तब तक के लिए अस्थाना की गिरफ्तारी न की जाए.
Matter posted for Monday (Oct 29) when CBI director has to respond to the allegations levelled by #RakeshAsthana . Till then no action can be taken against him, says Delhi High Court pic.twitter.com/G6YYfqWy9d
— ANI (@ANI) October 23, 2018
अस्थाना का पक्ष रखते हुए सीनियर वकील ने कहा कि अस्थाना के खिलाफ एक आरोपी के बयान के बाद अवैध एफआईआर दर्ज कराने का मामला है. उन्होंने कहा कि ‘ये गंभीर मामला है. जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी खुद अस्थाना के कहने पर हुई थी, उसी की शिकायत पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दिया गया. उचित अनुमति के बगैर कोई भी कार्रवाई अवैध होगी.’
उधर सीबीआई के काउंसल का कहना है कि अस्थाना के खिलाफ रिश्वतखोरी समेत लगे आरोप गंभीर हैं. फर्जीवाड़े और जबरन वसूली के केस अभी और जोड़े जाएंगे.
बता दें कि सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना से जुड़े रिश्वतखोरी के आरोपों के सिलसिले में गिरफ्तार पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार भी दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे. वहीं राकेश अस्थाना भी अपने खिलाफ दायर हुए एफआईआर को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट गए थे. उन्होंने इस याचिका में अपने खिलाफ किसी दंडात्मक कार्रवाई न होने की मांग की थी.
देवेंद्र कुमार को सोमवार को राकेश अस्थाना से जुड़े रिश्वतखोरी के आरोपों के सिलसिले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. देवेंद्र कुमार ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती दी है और उसे गैरकानूनी करार देते हुए इसे खत्म करने के लिए याचिका दाखिल की है. उन्होंने कहा है कि उन्हें इस केस में बलि का बकरा बनाया गया है.
गिरफ्तारी के बाद सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि देवेंद्र कुमार मीट कारोबारी मोईन कुरैशी के खिलाफ चल रहे मामले में जांच अधिकारी थे. उन्हें सतीश साना के बयान दर्ज करने में जालसाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
अधिकारियों के अनुसार साना ने अपने खिलाफ चल रहे जालसाजी के मामले में राहत पाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी. उन्होंने दावा किया, साना का बयान कथित तौर पर 26 सितंबर 2018 को अस्थाना के नेतृत्व वाली जांच टीम द्वारा दर्ज किया गया. लेकिन सीबीआई की जांच में सामने आया कि उस दिन साना हैदराबाद में थे.
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