
भर्तियों के रद्दीकरण के क्रम में 4000 उर्दू शिक्षकों के बाद उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32,022 शारीरिक शिक्षा के अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती भी रद्द की जाएगी। इस संबंध में आला अधिकारियों में सहमति बन गई है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस भर्ती को करने के पक्ष में नहीं है। इसके लिए सरकार की दलील है कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उन्हीं स्कूलो में खेलकूद के अनुदेशक रखे जा सकते हैं जहाँ छात्र संख्या 100 से ज्यादा हो। दरअसल हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल को दो महीने में नियुक्ति पूरी करने आदेश दिया था। आरटीई एक्ट के तहत जो अनुदेशक रखे गए हैं उनका मानदेय केंद्र सरकार देती है जबकि इस अनुदेशकों का मानदेय राज्य सरकार को अपने बजट से देना था।
बीपीएड डिग्री धारकों की मांग पर पूर्वर्ती सपा सरकार में 19 सितम्बर 2016 को शारीरिक शिक्षा व खेलकूद के 32,022 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती शुरू हुई थी। इनकी 11 महीने के लिए सात हजार रुपये मानदेय पर नियुक्ति होनी थी। इसके लिए 1,53,739 बीपीएड, डीपीएड, सीपीएड डिग्रीधारियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। 23 मार्च 2017 को भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
इससे पहले शिक्षा प्रेरकों के लिये किसी बुरे सपने से कम नहीं है। उत्तर प्रदेश के एक लाख से अधिक शिक्षा प्रेरक बेरोजगार हो गये हैं। केंद्र सरकार से योजना की अनुमति न मिलने के कारण शिक्षा प्रेरकों की सेवा समाप्ति कर दी गई
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