
WHO के मुताबिक, दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी पर डेंगू का खतरा है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. हर साल बारिश के मौसम में देश में डेंगू के हजारों केस सामने आते हैं.
सिर्फ दिल्ली में इस साल डेंगू के 830 मामले सामने आए. दिल्ली नगर निगम के मुताबिक, अक्टूबर के पहले हफ्ते में दिल्ली में डेंगू के 350 मामले देखे गए,
जाहिर सी बात है, इतनी तेजी से फैल रही बीमारी को लेकर लोगों में डर भी है, जो Whatsapp पर भी साफ देखा जा सकता है. Whatsapp पर भेजे जा रहे कई मैसेज में डेंगू के इलाज और रोकथाम को लेकर कई बातें साझा की जाती हैं. कई मैसेज में डेगू 48 घंटे में ठीक करने का दावा किया जाता है, किसी में नारियल तेल को मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल करने की बात होती है. कहीं प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए इलायची खाने की सलाह दी जाती है.
लेकिन हाल ही में एक दावा Whatsapp पर काफी वायरल होता दिख रहा है.Whatsapp पर वायरल हो रही फोटो
(फोटो: Whatsapp)
Whatsapp पर वायरल हो रही इस फोटो में होम्योपैथिक दवाइयों के लिक्विड को मिलाकर लेने की बात की जा रही है. दावा है कि इससे डेंगू का इलाज सिर्फ 48 घंटों में किया जा सकता है.
ये जानने के लिए की ये दावा कितना सही है, क्विंट ने गंगा राम हॉस्पिटल के डॉ. सुमिक रे से बात की. उन्होंने कहा कि डेंगू खुद ठीक होने वाली बीमारी है.
डेंगू वायरस से होने वाली बीमारी है, जो खुद ठीक होता है. लगभग 99 फीसदी केस में इसे काबू में रखा जा सकता है. लेकिन इसे वक्त से पहले खत्म करने का कोई तरीका नहीं. सिर्फ 1 फीसदी केस में ये बेकाबू होकर जानलेवा हो जाता है. तब इसे काबू करने के लिए दवाइयों की जरूरत होती है ताकि शरीर में इससे उबरने की क्षमता लौट सके.
डेंगू से पीड़ित लोगों के लिए ध्यान रखने की जरूरत है कि शरीर में पानी की कमी न हो. साथ ही प्लेटलेट्स काउंट पर भी नजर रखी जाए. अगर प्लेटलेट्स 5 हजार से 10 हजार के बीच हो, तो खून चढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है.
50 हजार से कम प्लेटलेट्स होने पर ये चिंता की बात होती है. लेकिन ज्यादातर मरीजों में 8-9 दिनों में प्लेटलेट्स खुद बढ़ना शुरू हो जाती है. मतलब, डेंगू खुद ठीक होता है और इसे जल्दी ठीक करने के ऐसे दावे गलत है.
क्या होम्योपैथी में डेंगू के लिए दवा है?
होम्योपैथिक डॉक्टर प्रियंका मेहंदीरत्ता का कहना है कि डेंगू का हर केस अलग होता है और इसके लिए कोई एक होम्योपैथिक दवा नहीं बताई जा सकती.
इस वायरल मैसेज में जिन डॉक्टर के हवाले से ये दावा किया जा रहा है, वो एक जाने-माने होम्योपैथ हैं और कई किताबें लिख चुके हैं. डॉ. प्रियंका का कहना है:
इस मैसेज में जो लिखा गया है, वो वैसा नहीं है, जैसा डॉ बिशंबर दास ने लिखा है. ये किसी भी वायरल बुखार में दी जाने वाली दवाएं है और डेंगू के लिए भी दी जा सकती हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद ही.
डॉ. प्रियंका का कहना है कि डेंगू कुछ केस में लिवर को भी प्रभावित कर सकता है और उसका इलाज ये दवाइयां नहीं कर सकतीं. इसलिए जरूरी है डॉक्टर से चेकअप के बाद दवा ली जाए.
जाहिर है, Whatsapp पर वायरल हो रहे इस मैसेज में जानकारी अधूरी है और ये दवाइयां डेंगू को ठीक करने की नहीं हैं. ऐसे मैसेज के झांसे में न आएं, न ही ये गलत जानकारी किसी से शेयर करें.
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