
देश के सबसे बड़े हाईकोर्ट इलाहाबाद में केंद्र सरकार ने 28 जजों की एकमुश्त नियुक्ति का आदेश पारित किया है। यह पहली बार है जब किसी हाईकोर्ट के लिए इतने जजों की नियुक्ति एक साथ हुई है। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने इन वकीलों को जज बनाने की सिफारिश दो हिस्सों में की थी। कोर्ट ने 25 सितंबर को 17 वकीलों को जज बनाने की सिफारिश की। इसके बाद 31 अक्तूबर को 13 वकीलों की सिफारिश की गई। सरकार ने इन्हें तेजी से मंजूरी दी और अब अधिसूचना जारी कर दी गई। लेकिन पहली सूची से दो नाम रोक लिए गए हैं।
ये जज दो साल के लिए अतिरिक्त जज रहेंगे उसके बाद उन्हें कोलेजियम की सिफारिश पर फिर से स्थायी किया जाएगा। नए 28 जजों में सिर्फ दो महिलाएं मंजूरानी चौहान और गांदीकोटा श्रीदेवी शामिल हैं। हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 160 जज है। इनमें 76 स्थायी और 84 अतिरिक्त जज शामिल हैं। र्हाइकोर्ट में इस समय 69 स्थायी और 20 अतरिक्त जज काम कर रहे हैं। इस हिसाब से यहां 71 जजों की रिक्तियां हैं। अब 117 जजों के साथ यह संख्या 43 रह जाएगी। यह भी पहला मौका होगा जब हाईकार्ट में रिक्तियों की संख्या 50 से नीचे जाएगी।
दिल्ली हाईकोर्ट के लिए ओहरी का नाम साफ
केंद्र सरकार ने अधिवक्ता मनोज ओहरी का नाम कुछ समय रोक कर जजशिप के लिए क्लीयर कर दिया है। पिछले दिनों मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सरकार द्वारा कोलेजियम की सफारिश में भेजे गए नामों को अलग-अलग करने पर आपत्ति जताई थी। यह आपत्ति ओहरी का नाम रोकने के बाद की गई। सरकार ने 19 नंवबर को ओहरी का नाम क्लीयर कर दिया।
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