
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कमल नाथ के गढ़ में रैली करने पहुंचे अमित शाह के लिए भाजपा ज्यादा भीड़ नहीं जुटा पाई।
जनसत्ता ऑनलाइन की खबर के मुताबिक मध्य प्रदेश चुनाव की बिसात पर दिग्गजों के उनके ही गढ़ में घेरने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को मौजूदा सियासत के चाणक्य माने जाने वाले भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमल नाथ को उनके ही इलाके में चुनौती देने की कोशिश की। पांढुर्ना विधानसभा क्षेत्र में शाह ने कमल नाथ को जमकर निशाने पर लिया लेकिन रैली का रंग फीका-फीका नजर आया, ज्यादातर कुर्सियां खाली पड़ी थीं। ज्यादा भीड़ नहीं जुटने के चलते शाह भी महज 25 मिनट में ही अपना भाषण खत्म कर लौट गए।
‘थके हुए उद्योगपति हैं कमल नाथ’
शाह ने कमल नाथ को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘वे थके हुए उद्योगपति हैं और धीरे से बोलते हैं कि मोदी हिसाब दें। हम जनता को हिसाब देंगे। वे अपने आका राहुल बाबा के परिवार का हिसाब बताएं।’ उन्होंने कांग्रेस को किसानों के मुद्दे पर भी निशाने पर लिया और कहा कि जिसने कभी दो बैल न जोते हों वो क्या किसानों की बात करेंगे।’ इसके बाद मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर भी उन्होंने सवाल खड़ा किया और कहा कि कांग्रेस बताए उनका सेनापति कौन है।
…इसलिए नाथ का गढ़ कहा जाता है छिंदवाड़ा
उल्लेखनीय है कि छिंदवाड़ा इलाके को कमल नाथ का गढ़ माना जाता है। 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में मध्य प्रदेश में सिर्फ दो सीटों पर कांग्रेस जीत पाई थी, उनमें से एक छिंदवाड़ा थी। वे 1980 से यहां सांसद का चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस बीच सिर्फ 1997 में हुए उपचुनाव में सुंदरलाल पटवा ने जीत दर्ज की थी और 1996 के चुनाव में कमल नाथ की पत्नी अलका नाथ यहां से सांसद चुनी गई थीं। हालांकि लोकसभा के उलट विधानसभा चुनावों में यहां अक्सर भारतीय जनता पार्टी हावी नजर आई हैं। ऐसे में मुकाबला दिलचस्प होता है।
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