
हालांकि, नए साल के मौके पर पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू दिया था। पीएम मोदी ने कहा था कि राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही लाया जा सकता है।
जनसत्ता ऑनलाइन की खबर के मुताबिक राम मंदिर के मुद्दे पर सड़क से संसद तक सवाल उठ रहे हैं। केंद्र सरकार और पीएम मोदी को इस मुद्दे पर चौतरफा निशाना बनाया जा रहा है। अब एक बार फिर राम मंदिर निर्माण की तारीख बताई गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा है कि राम मंदिर बने यह हमारी भी इच्छा है। 2025 तक पूरा होना चाहिए। 2025 तक शुरू होने की बात नहीं की है। उन्होंने आगे कहा कि, ‘आज शुरू होगा तो 5 साल में बन जाएगा। अब सरकार को तय करना है’।
#WATCH: RSS General Secretary Bhaiyyaji Joshi speaks on Ram temple in Ayodhya, says "It is our desire that the Ram mandir gets constructed by 2025. If it begins today construction will be completed in 5 years…" pic.twitter.com/y52K8hj3pu
— ANI UP (@ANINewsUP) January 18, 2019
हालांकि, इससे पहले उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक कार्यक्रम में पहुंचे भैयाजी जोशी ने कहा कि, ‘अब राम मंदिर 2025 में बनेगा। भव्य राम मंदिर का निर्माण, मंदिरों की लिस्ट में एक और जोड़ने की नहीं है। यह राष्ट्र की चेतना का केंद्र है। करोड़ों करोड़ लोगों की श्रद्धा का केंद्र है। विश्वास का केंद्र है। मंदिर तो हजारों हैं। इस अयोध्या के मंदिर निर्णाम के बाद देश अगले 150 साल के लिए पूंजी प्राप्त करेगा’। भैया जी जोशी इससे पहले भी राम मंदिर के मुद्दे को उठाते रहे हैं।
बता दें कि, राम मंदिर के जल्द निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने की मांग भी काफी समय से हो रही है। अगल अलग हिंदू संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत भी मंदिर के लिए अध्यादेश लाने की मांग कह चुके हैं। इस मसले पर मोदी सरकार के मंत्री कोर्ट का हवाला देकर किनारा करते रहते हैं।
हालांकि, नए साल के मौके पर पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू दिया था। जिसमें उनके सामने राम मंदिर का भी सवाल उठाया गया था। इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर अध्यादेश लाया जा सकता है, लेकिन यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही लाया जाएगा। इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि राम मंदिर मुद्दे पर कानूनी प्रक्रिया इसलिए धीमी रही क्योंकि कांग्रेस पार्टी से जुड़े वकील सुप्रीम कोर्ट में इसमें बाधा खड़ी कर देते हैं।
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