
पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले पांच साल में सभी श्रेणियों के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में 42 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है जो अब तक सबसे ऊंचा है। वित्त मंत्री ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआई) की सीमा भी 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दी है।
जनसत्ता ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में गैर संगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों को 3000 रुपये मासिक पेंशन देने का एलान किया है। प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण में इसके लिए ‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना’ का एलान किया है। योजना के मुताबिक 15,000 रुपये तक मासिक आय वालों को 60 साल के बाद हर महीने 3000 रुपये पेंशन दिए जाएंगे। योजना के तहत 29 साल की उम्र में इस पेंशन का लाभ लेने वाले श्रमिकों को हर महीने 100 रुपये जमा करने होंगे, जबकि 18 साल की उम्र के श्रमिकों को मात्र 55 रुपये जमा करने होंगे। सरकार अपनी तरफ से उतनी ही रकम उनके खातों में जमा करवाएगी। 60 साल की उम्र होने पर उन्हें हर महीने 3000 रुपये पेंशन मिलेंगे।
उम्मीद जताई गई है कि इस योजना से असंगठित क्षेत्र के करीब 10 करोड़ श्रमिकों को लाभ पहुंचेगा। बतौर मंत्री अगले पांच सालों में यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन योजना हो जाएगी। वित्त मंत्री ने इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन बजट में किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ी तो योजना में और अधिक फंड दिया जा सकता है। इस योजना को इसी वर्ष लागू किया जाएगा।
प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने बजट भाषण में पिछले करीब पांच साल में किए गए कार्यों का लेखा-जोखा भी पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नई पेंशन योजना (एनपीएस) को पहले से और अधिक उदार बनाया है। उन्होंने कहा कि एनपीएस में कर्मचारियों के अंशदान को 10 फीसदी बरकरार रखते हुए सरकारी अंशदान को 4 फीसदी बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया है। गोयल ने बताया कि मजदूरों को मिलने वाले बोनस की अधिकतम सीमा को भी 3500 से बढ़ाकर 7000 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही उनके अधिकतम वेतन की सीमा अब 10 हजार रुपये की जगह 21 हजार रुपये होगी। यानी 21000 प्रति माह वेतन पाने वाले भी बोनस के हकदार होंगे। बतौर केंद्रीय मंत्री ग्रैच्यूटी की सीमा भी 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है।
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