
भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा ज़िले में सीआरपीएफ़ के काफ़िले पर हमले में कम से कम 40 जवानों की मौत के बाद से देश के कई इलाक़ों में कश्मीरियों पर हमले की ख़बर सामने आई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक ख़बर के अनुसार उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के सदस्यों ने पुलवामा हमले का हवाला देकर 12 कश्मीर छात्रों को पीटा है.
ख़बर के अनुसार इन्होंने कश्मीरी छात्रों को वापस लौटने की धमकी दी है. पटना के बुद्ध मार्ग में भी कश्मीरी बाज़ार पर हमला हुआ और दुकानें बंद करवा दी गईं. इन्हें भी हमलावरों ने वापस जाने की धमकी दी.
कश्मीरियों पर हमले के बीच सोशल मीडिया पर कई लोग खुलकर सामने आए और उन्होंने कहा कि जो भी कश्मीरी डरे हुए हैं वो उनके घर पर आकर रहें. ट्विटर पर देखते ही देखते #SOSKashmir ट्रेंड करने लगा था और हज़ारों लोगों ने इसी हैशटैग से ट्वीट किए हैं.
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट कर कहा, ”यह दुखद है कि सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर पुलवामा हमले के लिए सभी कश्मीरियों को निशाने पर लिया जा रहा है. हम आतंकवादियों को अलग-थलग करने के बजाय कुछ लोगों के पागलपन भरे और अक्षम्य गुनाहों के लिए सभी कश्मीरियों पर उंगली उठा रहे हैं. क्या इससे हमें समाधान मिलेगा? ज़्यादा होश और सही जोश की ज़रूरत है.”
Tragic to see across social media/news channels a narrative where every Kashmiri is asked to bear the cross of what happened in Pulwama. How will we find solutions till we isolate the terrorists instead of blaming all for manic,unforgivable acts of a few? More hosh, right josh!
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) February 15, 2019
अपने अगले ट्वीट में राजदीप ने लिखा है, ”मैं कश्मीरी स्टूडेंट से कहना चाहता हूं अगर आपको किसी भी तरह से टारगेट किया जा रहा है तो आप मुझे फ़ोन या सीधे मैसेज करें. मेरा घर और दिल हज़ारों भारतीयों की तरह खुला हुआ है जो सही सोच रखते हैं.”
Want to tell any Kashmiri student out there, if you are being targeted in any manner, feel free to call/DM me. My home and heart is open to you as are that of thousands of right thinking Indians.Let’s fight forces of violence together: you don’t have to bear the cross of terror.
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) February 16, 2019
वरिष्ठ पत्रकार निधि राजदान ने भी ट्वीट कर कश्मीरी छात्रों पर हो रहे हमले की कड़ी भर्त्सना की है. निधि ने ट्वीट में लिखा है, ”जो कश्मीरी छात्रों पर हमला कर रहे हैं वो आज की तारीख़ में सब बड़े देशद्रोही हैं. ये ठीक उसी लाइन पर काम कर रहे हैं जो आईएसआई चाहती है.”
The biggest anti nationals today are those attacking Kashmiri students, which is exactly the kind of divide the ISI wants to push.
— Nidhi Razdan (@Nidhi) February 17, 2019
2009 के यूपीएससी टॉपर रहे शाह फ़ैसल ने कश्मीरियों पर हो रहे हमले को अस्वीकार्य बताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ”कश्मीरी स्पष्ट रूप से पुलवामा हमले की निंदा कर रहे हैं. एक आम कश्मीरी हिंसा भड़काने वालों से ज़्यादा हिंसा के शिकार हैं. कश्मीर के बाहर उन पर हमले बहुत निराशाजनक है और ये पूरी तरह से अस्वीकार्य है.”
Kashmiris are not the demons they are made out to be.
— Shah Faesal (@shahfaesal) February 16, 2019
Kashmiris have been unequivocally condemning the loss of life in Kashmir.
An ordinary Kashmiri is a victim of violence rather than a perpetrator of violence.
Targeting them outside is really really sad and unacceptable.
वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने भी कश्मीरियों पर हमले को धिक्कारा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ”अगर कश्मीर हमारा है तो कश्मीरी भी हमारे हैं. अगर आप इसे महसूस नहीं कर सकते और उनसे अपनों की तरह बर्ताव नहीं कर सकते तो आपकी भारतीयता खोटी, सतही और ओछी है. भारत में रहने वाले कश्मीरियों पर हर हमला भारतीय होने के अर्थ और भारत की आत्मा पर हमला है.”
If we love india and it's unity in diversity stop hounding and abusing #Kashmiris. Just stop the hate.
— Saba Naqvi (@_sabanaqvi) February 16, 2019
वरिष्ठ पत्रकार सबा नक़वी ने भी हमले पर चिंता जताई है. उन्होंने लिखा है, ”अगर आप भारत और इसकी विविधता में एकता से प्यार करते हैं तो कश्मीरियों के साथ बदतमीजी बंद करें. नफ़रत तत्काल रोकें.”
The way Kashmiris are being attacked across the country.. should we have attacked all Hindu Brahmins when one Brahmin killed the Mahatma? #UnHateNOW #PulwamaAttack #SOSKashmir
— Preeti Sharma Menon (@PreetiSMenon) February 16, 2019
आम आदमी पार्टी की कार्यकारी सदस्य प्रीति शर्मा मेनन ने लिखा है कि एक सज़ा सबको कैसे दी जा सकती है. उन्होंने पूछा है कि महात्मा गांधी की हत्या के गुनाहगार एक ब्राह्मण के कारण क्या सभी हिन्दू ब्राह्मणों को सज़ा दी जानी चाहिए?
स्रोत साभार: बीबीसी हिंदी
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