
पीएमओ के पास पिछले चार साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मीडिया से संवाद का कोई रिकॉर्ड नहीं है. एक आरटीआई में यह खुलासा हुआ है.
मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने आठ दिसम्बर 2018 को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से नरेन्द्र मोदी के साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मीडिया के साथ बातचीत, लाइव इंटरव्यू और प्रेस कांफ्रेंस से संबंधित जानकारी मांगी थी.
गलगली ने अपने आरटीआई में यह सूचना भी मांगी थी कि कितने मीडिया हाउस या मीडिया के प्रतिनिधियों ने साक्षात्कार या बातचीत के लिए अनुरोध किया था और कितनों को लाइव या रिकार्डेड इंटरव्यू के लिए अनुमति दी गई.
अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंण्डर्ड में छपी खबर के मुताबिक पीएमओ के सेक्रेटरी प्रवीण कुमार ने जल्द ही उत्तर देने की बात कही थी. आरटीआई कार्यकर्ता प्रवीण कुमार के हवाले से बताया गया है कि 68 दिनों तक उत्तर नहीं मिलने के बाद उन्होंने सूचना के लिए प्रथम अपील की थी.
प्रथम अपील के जवाब में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रेस के प्रतिनिधियों से ‘स्ट्रक्चर्ड और अनस्ट्रक्चर्ड’ दोनों तरह से बातचीत की है. इसीलिए मांगी गई सूचना का रिकार्ड नहीं है.
गलगली ने कहा, “यह आश्चर्यजनक है. पीएमओ को तुरंत जवाब देना चाहिए था… लेकिन प्रथम अपील के बाद दी गई सूचना भी भ्रामक है और पक्षपाती ही है.”
उन्होंने कहा कि पीएमओ को सीधे-सीधे बताना चाहिए था कि प्रेस कांफ्रेंस आयोजित हुआ या नहीं.
Be the first to comment