
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे अपने पत्र में हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी चिंता व्यक्त की है. राहुल ने अपने पत्र में बघेल से आदिवासियों को बेदखल करने से जुड़े कोर्ट के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने को कहा है.
कोर्ट ने 16 राज्यों से करीब 10 लाख से ज्यादा आदिवासियों और जंगल में रहने वाले समुदायों से जबरन जंगल खाली कराने का आदेश दिया है.
राहुल गांधी ने बघेल को 23 फरवरी को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य के मामले में उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले के संबंध में आपका तुरंत दखल देना जरूरी है. अदालत ने राज्य सरकारों को आदिवासियों एवं अन्य वनवासियों को बेदखल करने का आदेश दिया है जिनका दावा वन अधिकार कानून के तहत खारिज कर दिया गया है.’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इतने बड़े पैमाने पर उन्हें बेदखल किये जाने’’ के मद्देनजर इस संबंध में पुनर्विचार याचिका दायर करना ठीक होगा.
13 फरवरी को सुनवाई के दौरान अधिनियम का बचाव करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में कोई भी वकील पेश नहीं हुआ था, जिसके कारण कोर्ट में आदिवासियों का पक्ष नहीं रखा गया. इसके बाद अरूण मिश्रा, नवीन सिन्हा और इंदिरा बनर्जी की बेंच ने फैसला सुनाते हुए 10 लाख से ज्यादा लोगों को जंगल खाली करने का आदेश दे दिया.
इसी संबंध में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर आदिवासियों और वन निवासियों के अधिकारों के हनन को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने का अनुरोध किया है.
20 फरवरी के उच्च न्यायालय के निर्णय से मप्र के 3.5 लाख आदिवासी परिवारों के लिए संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
— Jyotiraditya Scindia (@JM_Scindia) February 23, 2019
इस संबंध में मप्र के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी @CMMadhyaPradesh को आदिवासियों व वन निवासियों के अधिकारों के हनन को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने का अनुरोध किया । pic.twitter.com/9L0xqLhP4d
कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए राज्य सरकारों के पास इस साल 27 जुलाई तक का ही समय है.
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