
पुलवामा हमले के बाद से भारत में राष्ट्रवाद और सेना के प्रति निष्ठा की आड़ में ध्रुवीकरण की राजनीति पैर पसार रही है. राजनीतिक पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप की प्रतिस्पर्धा शुरू हो चुकी है. सत्ता पक्ष विपक्ष को देश-विरोधी करार देने पर तुला है, वहीं विपक्ष सरकार पर राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगा रहा है.
पुलवामा हमले के बाद सरकार से देश की सुरक्षा से जुड़े कई सवाल पूछे गए हैं. पड़ोसी देश पाकिस्तान से बढ़ते तनाव, युद्ध जैसी स्थिति और सैनिकों की शहादत को लेकर भी राजनीतिक पार्टियों ने सरकार को घेरा है.
इन सब राजनीतिक उठा-पटक के बीच एक मार्च को प्रधानमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से नरेन्द्र मोदी के कन्याकुमारी भाषण का एक हिस्सा ट्वीट किया गया है. नरेन्द्र मोदी इस ट्वीट में भावनात्मक होकर कह रहे हैं, “यह काफी दुखद है कि कुछ पार्टियां ने मोदी विरोध के बहाने देश से नफरत करनी शुरू कर दी है. एक तरफ जहां पूरा देश सेना के सम्मान में उठ खड़ा हुआ है वहीं कुछ लोग सैनिकों पर शक कर रहे हैं.”
प्रधानमंत्री के इस ट्वीट पर बवाल खड़ा हो गया है. ट्वीट से मतभेद में कई लोगों ने काफी दिलचस्प और तार्किक बातें रखी हैं.
Sadly, a few parties, guided by Modi hatred have started hating India.
— PMO India (@PMOIndia) March 1, 2019
No wonder, while the entire nation supports our armed forces, they suspect the armed forces.
The world is supporting India’s fight against terror but a few parties suspect our fight against terror: PM
निकिता नटराजन ने नरेन्द्र मोदी को घेरते हुए रिट्वीट किया, “क्या मोदी विरोध देश विरोध है? क्या मोदी खुद को देश के बराबर मानते हैं?”
रोहन जे गोंजाल्विस लिखते हैं, “सबूत के लिए सवाल करने में गलत क्या है? अतार्किक बातों का प्रसार मत कीजिए. और आप क्या हमें यह पढ़ाना चाहते हैं कि सरकार और सेना कभी कुछ गलत नहीं कर सकती है? मैं कोई सबूत नहीं मांग रहा और जो मांग रहे हैं उसे गलत नहीं मानता.”
सुरेश ने देश के हालात पर सवाल खड़ा करते हुए लिखा, “आप अपनी सरकार की नीति की असफलता को सैनिकों का इस्तेमाल कर छुपाना चाहतें हैं.”
चैत्रिका नायक ने भी रिट्वीट कर कहा, “हमें आप पर शक है. देश की सेना पर नहीं.”
प्रधानमंत्री के इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए सरत कहते हैं, “हम सबको अपने इस देश से बहुत प्यार है. भारत को अब तक बहुत से प्रधानमंत्री मिले हैं और भारत ने कई युद्धों का सामना भी किया है. लेकिन किसी ने भी ऐसी स्थिति का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश नहीं की है, जैसा कि बीजेपी कर रही है. मुझे बेहद अफसोस है कि मैनें 2014 में बीजेपी को वोट दिया था.”
इन सबके बीच लाजन ने ट्वीट किया है, “कोई भी सेना पर शक नहीं कर रहा है. आप सैनिकों की बहादुरी का राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं.”
These are the same people whose statements are helping Pakistan & harming India.
— PMO India (@PMOIndia) March 1, 2019
They are the same people whose statements are being happily quoted in Parliament of Pakistan and in the radio of Pakistan.
I want to ask them- do you support our armed forces or suspect them?: PM
प्रधानमंत्री की ओर से कही गई बात की आलोचना में ट्विटर पर मधुमिता मजुमदार कहती हैं, “मैं अचंभित हूं कि प्रधानमंत्री का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट भी राजनीति की घुड़दौड़ में शामिल है. किसी भी लोकतांत्रिक देश में सरकार या प्रधानमंत्री से सवाल पूछना हर नागिरक का मूलभूत अधिकार होता है. तमाम करदाताओं के सवालों के जवाब देना सरकार का उत्तरदायित्व होता है.”
नन्दिता सेन लिखती हैं, “सेना पर किसी को शक नहीं है. उनके लिए हमेशा से हमारे मन में सम्मान रहा है. कृपा कर सरकार की आलोचना को देश विरोध से जोड़ कर नहीं देखें.”
अभिजीत राय ने अपनी राय रखते हुए कहा, “सेना पर किसी ने भी कोई सवाल नहीं उठाया है. यहां तक कि वायु सेना ने भी साफ कहा है कि उनके हवाई हमले में कितनों की मौत हुई, इसका कोई आंकड़ा नहीं है. अगर सरकार इस आंकड़े को 300 के पार बता कर प्रचार-प्रसार कर रही है तो इससे सरकार की साख कमजोर होगी.”
पल्लब सिन्हा ने बीजेपी विरोध को एक खास नजरिए से देखे जाने को लेकर कहा, “नहीं सर, कोई भी भारत से नफरत नहीं करता है. ये तमाम बातें उस राजनीतिक पार्टी की फैलाई हुई हैं जिससे आप और आपके समर्थक जुड़े हैं. अगर मैं कोई सवाल करता हूं तो फौरन ही मुझ पर कांग्रेसी, देशद्रोही और पता नहीं क्या होने का लेबल लगा दिया जाता है.”
विकाश धुरिया ने अपनी बात रखते हुए कहा, “आप क्या सोचते हैं, सब आपको अपना समर्थन देते रहें? आपकी राय मेरी बिल्कुल नहीं हो सकती है.”
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