
26 फरवरी को पाकिस्तान में मौजूद भारतीय वायु सेना का टारगेट बने चार आतंकी ठिकानों को कितना नुकसान हुआ और कितने लोग मारे गए, इस पर अब तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.
ऐसे में ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि हमले को लेकर सरकार ने चुप्पी क्यों साध रखी है.
अब तक विदेश सचिव की ओर से ही हमले के बारे में कुछ जानकारी दी गई थी, जिनमें उन्होंने किसी तरह के आंकड़े नहीं पेश किए थे.
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा था कि “हवाई हमले के दौरान काफी बड़े स्तर पर फिदायीन हमलों के लिए तैयार किए जा रहे आतंकी, सीनियर कमांडर और जिहादी मारे गए हैं.”
वहीं केंद्रीय मंत्री और दार्जिलिंग से बीजेपी सांसद एसएस अहलूवालिया हवाई हमले पर बयान देकर घिर गए हैं.
न्यूज़ प्लेटफॉर्म की खबर के मुताबिक आहलुवालिया ने अपने फेसबुक अकाउंट पर वीडियो शेयर किया है जिसमें वो सिलीगुड़ी की एक पत्रकार से बाते करते हुए देखे जा सकते हैं.
बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “इस मामले में मैंने भारतीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की कवरेज को देखा है, मैंने मोदी जी के बयान भी सुने हैं. हवाई हमले के बाद चुरू, राजस्थान में उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया था. उन्होंने तो एक बार भी नहीं कहा कि 300 लोग मारे गए हैं, या बीजेपी के किसी मंत्री ने ये बात बोली हो. क्या अमित शाह ने ये बोला है?”
उन्होंने कहा है कि वायुसेना ने हमला चेतावनी देने के लिए किया गया था, न कि किसी की जान लेने के लिए. साथ उन्होंने कहा कि हमले में 300 लोग मारे गए ये बात किसी बीजेपी नेता ने नहीं कही और न ही मैं इसकी पुष्टि करता हूं.
बीजेपी नेता के अपने एफबी एकाउंट पर शेयर किए गए एक वीडियो के बाद विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.
सीपीएम ने मंत्री का वीडियो शेयर करते हुए सरकार पर तंज कसा है और अपने ट्वीट में कहा है कि “यदि मंत्री सही कह रहे हैं तो इसका मतलब ये है कि मोदी सरकार मीडिया की मदद से झूठ फैला रही है और देश को बहका रही है.”
Minister of State in Modi's cabinet, SS Ahluwalia is saying @narendramodi or @AmitShah never claimed that our #AirStrikes killed 300+ Terrorists & we didnt want any "Human Casualties". Is the Govt now backtracking from its claims that they took out a Terrorist Camp in Pakistan? pic.twitter.com/nstgsWF6sZ
— CPI (M) (@cpimspeak) March 2, 2019
तमाम विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर एअर स्ट्राइक को लेकर राजनीति करने का आरोप लगा रही हैं. कांग्रेस वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार से एअर स्ट्राइक के सबूत भी मांगे लिए हैं.
इस मामले में वायु सेना पहले ही बयान दे चुकी ही कि “हमले के दौरान चार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिन्हें ध्वस्त किया गया. हमारे जो भी टारगेट थे हमने उन्हें खत्म किया है.” वहीं हमले के बाद से अब तक किसी भी आधिकारिक व्यक्ति ने सरकार की ओर से सामने आकर हवाई अभियान और मारे गए आतंकियों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है. कथित तौर पर जंगलों को ध्वस्त होने की केवल कुछ तस्वीरें सामने आई हैं. लेकिन किसी व्यक्ति के मारे जाने की खबरे सामने नहीं आई हैं.
अब आहलुवालिया का ये कहना कि हमला किसी की जान लेने के लिए नहीं किया गया था, सवाल खड़े कर रहा है कि क्या हमला केवल चेतावनी देने के लिए किया गया था या आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए.
जबकि वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एअर स्ट्राइक पर सवाल पूछे जाने पर कहा था कि “अगर कोई व्यक्ति ऑपरेशन की जानकारी सार्वजनिक करने को कह रहा है तो उसे ये नहीं पता है कि ये ऑपरेशन किस तरह से किए जाते हैं.”
ऐसे में ये स्पष्ट किया जाना जरूरी है कि इस दौरान भारतीय मीडिया में 300-350 आतंकियों के मारे जाने का जो आंकड़ा चलाया गया वो सूत्रों के हवाले से चलाया गया था.
तमाम विपक्षी पार्टियों ने पूछा है कि क्या मोदी सरकार आम चुनावों से पहले युद्ध जैसे माहौल बना कर इससे अपने राजनीतिक हित साधाना चाहती थी या वाकई में ये आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के उद्देश्य से उठाया गया कदम था.
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