
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राफेल घोटाले में साजिश का भंडाफोड़ हो गया है। चौकीदार की चोरी आखिर रंगे हाथों पकड़ी गई है। पीएम मोदी ने देश और देश की संसद को जानबूझकर सफेद झूठ बोलकर गुमराह किया।
नवजीवन के मुताबिक राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान चौंकाने वाली जानकारी दी गई है। सरकार ने कहा कि राफेल संबंधित दस्तावेज की चोरी हो गई है। इसी बीच राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला प्रेस से बात करते हुए कहा, “राफेल घोटाले में साजिश का भंडाफोड़ हो गया है। चौकीदार की चोरी आखिर रंगे हाथों पकड़ी गई है। पीएम मोदी ने देश और देश की संसद को जानबूझकर सफेद झूठ बोलकर गुमराह किया।”
LIVE: Press briefing by @rssurjewala, I/C, AICC Communications, on Rafale scam. #FIRagainstCorruptModi https://t.co/5vc23huFgi
— Congress Live (@INCIndiaLive) March 6, 2019
सुरजेवाला ने कहा कि राफेल सौदे की इंडियन नेगोशिएटिंग टीम की रिपोर्ट से जगजाहिर हो गई है कि पीएम मोदी ने देश और संसद को सफेद झूठ बोल जानबूझकर गुमराह किया ताकि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार, जालसाजी और देश की सुरक्षा से षडयंत्रकारी खिलवाड़ पर पर्दा डाला जा सके। मोदी सरकार द्वारा खरीदे जा रहे 36 राफेल जहाजों की कीमत यूपीए-कांग्रेस के द्वारा खरीदे जा रहे 126 राफेल जहाजों से कहीं ज्यादा है। मोदी जी ने संसद और देश को बरगलाया है साथ ही देश के खजाने को चूना लगाया है।”
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वार्ता दल के मुताबिक 36 लड़ाकू विमान की कीमत है 63,450 करोड़ रुपये है जबकि मोदी सरकार ने दावा किया कि विमानों की कीमत 59,175 करोड़ रुपये है। सरकार ने सरासर झूठ बोला है। 63,450 करोड़ रु भी सही ढंग से नहीं आंका गया क्योंकि इसमें करीब छह साल तक की अवधि के लिए महंगाई दर को जोड़ा गया है जबकि विमान 10 साल में आने है। इस हिसाब से विमानों की कीमत 67 हजार करोड़ रुपये से अधिक हुई।’’
उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी ने दसाल्ट कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए पद का दुरुपयोग किया और विमानों की ज्यादा कीमत तय की जिसके लिए उनके खिलाफ सीधे तौर पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला बनता है। सुरजेवाला ने यह भी दावा किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भारतीय वार्ता दल को दरकिनार करके राफेल सौदे को अंतिम रूप दिया। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि ‘‘क्या डोभाल भारतीय वार्ता दल का हिस्सा थे? जवाब नहीं है। क्या सुरक्षा मामले की कैबिनेट समिति ने डोभाल जी को स्वीकृति प्रदान की थी? जवाब नहीं है। यानी चौकीदार के नुमाइंदे ने भारतीय वार्ता दल को दरकिनार कर सौदे को अंतिम रूप दिया।’’
INC COMMUNIQUE
— INC Sandesh (@INCSandesh) March 6, 2019
Press statement by @rssurjewala, I/C, AICC Communications, on the loss to public exchequer due to Rafale scam.#FIRagainstCorruptModi pic.twitter.com/GtPFqW0EUq
सुरजेवाला ने आगे कहा कि “पीएम मोदी ने सीसीएस की बैठक में दसॉल्ट कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए बैंक गारंटी की शर्त को खारिज कर दिया। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, कानून मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय ने लिखित में कहा कि बैंक गारंटी होनी चाहिए और दसॉल्ट एविशन उसे दे। उस बैंक गारंटी की कीमत इंडियन नेगोशिएटिंग टीम ने 4305 करोड़ रुपये आंकी। सीएजी रिपोर्ट भी कह रही है कि 4305 करोड़ रुपये का सीधा-सीधा फायदा दसॉल्ट एविएशन को दिया गया। ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक एनडीए सरकार द्वारा फ्रांस सरकार से राफेल सौदे पर बैंक गारंटी न करने से सौदा काफी महंगा हो गया। इसमें कहा गया है कि हर विमान की कीमत पिछली सरकार के सौदे के मुकाबले 41 फीसदी अधिक हो गई।
सुरजेवाला ने आगे कहा, “इंडियन नेगोशिएटिंग टीम ने माना कि जब मोदी जी 36 जहाज खरीद रहे थे, तब इसमें ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलाजी शामिल नहीं थी, जबकि यूपीए सरकार के 126 लड़ाकू जहाजों में ट्रांस्फर ऑफ टेक्नॉलाजी शामिल थी।” उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोजी और इस षडयंत्र से जुड़े सब लोगों पर एफआईआर दर्ज कर जांच का समय आ गया है।
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