बंबई हाई कोर्ट ने चुनाव से 48 घंटे पहले सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों का नियमन करने संबंधी कोई भी आदेश पारित नहीं करने पर चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई है.
चीफ जस्टिस नरेश पाटिल और जस्टिस एनएम जामदार की पीठ ने चुनाव आयोग से पूछा कि वह ऐसे विज्ञापनों पर कोई नियामक या निषेधात्मक आदेश पारित करने में क्यों झिझक रहा है.
पीठ ने पूछा, “इतने महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर कार्रवाई इतनी बार क्यों स्थगित की गई? आप(चुनाव आयोग) आदेश पारित करने से भयभीत क्यों हैं?”
चुनाव आयोग की तरफ से पेश हुए वकील प्रदीप राजगोपाल ने आयोग की तरफ से किसी भी हिचकिचाहट से इनकार किया लेकिन अदालत ने कहा कि सुनवाइयों में चुनाव आयोग के आचरण से स्पष्ट हो गया कि वह ऐसे नियमन लाने में ‘हिचकिचा’ रहा है.
पीठ ने मामले पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया और कहा कि वह उचित आदेश पारित करेगी.
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